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जाने सभी महत्वपूर्ण विस्फोटको के बारे में

Know About Important Explosives

विस्फोटक (explosives) कुछ यौगिक या मिश्रण ऐसे होते हैं जिनमें आग लगाने पर या अघात करने पर बड़े धमाके के साथ वे विस्फुटित होते हैं। धमाके का कारण बड़े अल्प काल में बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा और ध्वनि उत्पन्न होती है। ऐसे पदार्थों को "विस्फोटक" कहते हैं। आज बहुत बड़ी मात्रा में विस्फोटकों का निर्माण होता है। तो आइये जानते हैं महत्वपूर्ण विस्फोटक और उनके बारे में – know about Important explosives in Hindi

1.     डायनामाइट (Dynamite) – इसका आविष्कार अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) ने 1863 में किया था यह नाइट्रोग्लिसरीन को किसी अक्रिय पदार्थ को अवशोषित करके बनाया जाता है आधुनिक डाइनामाइट में नाइट्रोग्लिसरीन की जगह सोडियम नाइट्रेट का प्रयोग किया जाता है

2.     टी.एन.टी (T.N.T) – इसकी खोज 1863 में की गई थी इसका सबसे पहली बार प्रयोग 1914 में हुआ था यह हल्का पीला क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है यह टाल्वीन के साथ सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल सान्द्र नाइट्रिक अम्ल की क्रिया से बनाया जाता है इसका सबसे अधिक उपयोग विस्फोटक के रूप में किया जाता है इसका पूरा नाम ट्राई नाइट्रो-टाल्वीन (Tri-Nitro-Tallinn) है इसकी विस्फोस्टक गति 6900 मी. प्रति सेकेण्ड है

3.     ट्राई नाइट्रो ग्लिसरीन (Try nitro glycerin) – इसकी खोज 1863 में की गई थी  यह एक रंगहीन तैलीय द्रव है यह डाइनामाइट बनाने में काम आता है इसे नोबल का तेल भी कहा जाता है यह सान्द्र सल्फ्युरिक अम्ल सान्द्र नाइट्रिक अम्ल की ग्लिसरीन के साथ क्रिया करके बनाया जाता है

4.     ट्राई-नाइट्रो-फिनोल (Tri-nitro-phenol) – इसे पिकरिक अम्ल भी कहा जाता हैै यह फीनॉल सान्द्र नाइट्रिक अम्ल की अभिक्रिया द्वारा तैयार किया जाता है यह हल्का पीला, क्रिस्टलीय ठोस होता है तथा अत्यधिक विस्फोटक होता है वर्तमान में इस विस्फोटक का स्थान टी.एन.टी और आर.डी.एक्स ने ले लिया है

5.     आर.डी.एक्स (RDX) – इसकी खोज 1899 में जर्मनी में हंस हेनिंग ने शुद्ध सफेद दानेदार पावडर के रूप में की थी इसका पूरा नाम रिसर्च एण्ड डेवलप्ड एक्सप्लोसिव (Research and Developed Explosive) है इसका रासायनिक नाम साइक्लोट्राई मिथाइलीन-ट्राईनाइट्रोमाइन है इसे प्लास्टिक विस्फोटक भी कहा जाता है इस विस्फोटक को अमेरिका में साइक्लोनाइट, जर्मनी में हेक्सोजन और इटली में टी-4 कहा जाता है इसकी विस्फोटक ऊष्मा 1510 किलोकैलोरी प्रति क्रिगा.होती है

6.     कारडाइट (Cardite) – इस विस्फोटक का विकास 1838 में नोबेल ने किया था इसका निर्माण नाइट्रो ग्लीसरीन और नाइट्रो सेलूलोस के मिश्रण से होता है

7.     गन पाउडर (Gun powder) – इसकी खोज रोजर बैंकर ने 1242 में की थी यह तेजी से जलने वाला एक रासायनिक पदार्थ है यह पोटैशियम या सोडियम नाइट्राइट, चारकोल और सल्फर का 15:3:2 अनुपात में मिश्रण होता है

8.     अमाटोल्स (Amatolas) – यह एक तीव्र विस्फोटक है जिसका निर्माण अमोनियम नाइट्रेट और टी.एन.टी के विभिन्न अनुपातों के मिश्रण के रूप में होता है

9.     बराटोल्स (Baratols) – इसका निर्माण बेरियम नाइट्रेट और टी.एन.टी के मिश्रण के द्वारा किया जाता है इसे ग्रेनेड और टैंक नाशक माइन्स की खोलों में भरा जाता है

10.पी..टी.एन. (PETN) – यह एक अति संवेदनशील विस्फोटक है इसके अधिकतर गुण आर.डी.एक्स के समान होते है इसका रासायनिक नाम पेंटा एराइथ्रिटोल टेट्रा नाइट्रामाइन (Penta aerathrithol tetra nitramine) है इसकी विस्फोटक गति 8300 मी.प्रति सेकेण्ड है

11.पी.एल.एक्स (PlX) –  पिकाटाईन लिक्विड एक्सप्लोसिव (Picatine Liquid Explosive) नामक यह अत्यंत खतरनाक विस्फोटक है इसका निर्माण नाइट्रो मीथेन और एथिलीन डाइयोमाइन के संयोग से होता है यह एक ऐसा विस्फोटक है कि इसको प्रयोग करने वाला स्वंय भी सुरक्षित नहीं रहता है विस्फोटक खोजी यंत्र भी इस विस्फोटक का पता नहीं लगा सकता है

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