बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र
— अधिगम/सीखना
Child Development and Pedagogy — Learning
Hello
Friends, कैसे हैं आप सब ? I Hope सभी की Study अच्छी चल रही होगी ☺
दोस्तो
आप में से कुछ साथियों ने मुझसे CTET और State TET
के लिए Child Development and Pedagogy (बाल
विकास एवं शिक्षाशास्त्र) के नोट्स की मांग की थी! तो
उसी को ध्यान में रखते हुये आज से हम अपनी बेबसाइट GK-MARKETs
पर Child Development and Pedagogy के One Liner
Question and Answer के Notes उपलब्ध
कराऐंगे , जो आपको सभी तरह के Teaching के Exam जैसे
CTET , UPTET , MPTET, Bihar TET, MP Samvida Teacher , HTET ,
REET आदि व अन्य सभी Exams जिनमें कि Child
Development and Pedagogy से सवाल पुछे जाते हैं उन सभी परीक्षाओं
के लिए यह बहुत हीं महत्वपूर्ण और उपयोगी साबित होगा।
दोस्तो आज
हम Child Development and Pedagogy (बाल विकास एवं
शिक्षाशास्त्र) की हमारी इस पोस्ट अन्तर्गत हम आपको अधिगम/सीखना
(Learning) से संबंधित Most
Important Question and Answer को बताऐंगे ! साथ ही नीचे दिए गए
Download Button के माध्यम से आप
इसका FREE PDF भी डाउऩलोड कर सकते हैं।
·
सीखने में रुकावट आने का कारण है – पुरानी आदतों
का नई
आदतों से
संघर्ष, कार्य
की जटिलता,
शारीरिक सीमा
·
लक्ष्य प्राप्ति में सूझ का महत्व माना है – ड्रेवर ने
·
”सीखने की प्रक्रिया की एक प्रमुख विशेषता पठार है।” यह कथन है – रॉस का
·
सीखने में उन्नति पूर्ण सम्भव है – सिद्धान्त रूप
में
·
सीखने की आवश्यकता है – बालक का
पूर्ण व्यक्तित्व
·
सीखने की गति निर्भर करती है – सीखने वाले
की रूचि
पर, जिज्ञासा
पर, सीखने
वाले की
प्रेरणा।
·
सीखने की अन्तिम अवस्था में सीखने की गति होती है – धीमी
·
सीखना प्रारम्भ होता है – जिज्ञासा
·
सीखने की प्रक्रिया सम्पादित होती है – शिक्षकों से
·
बन्दूरा के अनुसार, किन प्रतिरूपों का बालकों द्वारा अनुकरण किया जाता है – जो पुरस्कृत
साधनों पर
नियन्त्रण रखते
हैं। जो
उच्च स्तर
रखते हैं।
·
अधिगम की प्रक्रिया में किन प्रतिरूपों का अनुकरण नहीं किया जाता है – अयोग्य प्रतिरूपों
का
·
निम्नलिखित में कौन-सा तथ्य बन्दूरा के व्यक्तित्व के सिद्धान्त से सम्बन्धित है – सामाजिक पुरस्कार
का सिद्धान्त,
दण्ड का
सिद्धान्त, प्रतिरूपों
के तादात्मीकरण
का
सिद्धान्त।
·
राम के पिता को परमवीर चक्र प्रदान किया गया क्योंकि उसके पिता सेना में कार्यरत हैं। उसके पिता को सभी समाज के सामने सम्मानित किया गया। इसके बाद बालकों में देश सेवा की क्रियाओं को भाग लेने की भावना का विकास हुआ। यह प्रक्रिया बन्दूराके किस सिद्धान्त पर आधारित है – सामाजिक पुरस्कार
का सिद्धान्त
·
एक बालक कक्षा से इसलिए नहीं भागता है कि शिक्षक द्वारा अन्य भागने वाले बच्चों को दण्डित किया जाता है। उसका यह अनुकरण किस सिद्धान्त पर आधारित है – दण्ड का
सिद्धान्त
·
बन्दूरा के प्रमुख रूप से व्यक्तित्व सिद्धान्तों की संख्या है – दो
·
बन्दूरा ने अपने सिद्धान्त का प्रयोग किया – बालकों पर
·
बन्दूरा के अधिगम सिद्धान्त का प्रमुख साधन था – फिल्म
·
बन्दूरा के द्वारा प्रस्तुत अधिगम सिद्धान्त में फिल्म के भाग थे – तीन
·
बन्दूरा ने प्रमुख रूप से अपनीप्रयोगसम्बन्धी क्रियाओं में किन तथ्यों को स्थान प्रदान किया – पुरस्कार एवं
दण्ड
·
बालकों द्वारा प्रतिरूप के किस व्यवहार का अनुकरण नहीं किया जाता है – दण्डित व्यवहार
का
·
बालक द्वारा सर्वाधिक प्रतिरूप के किस व्यवहार का अनुकरण किया जाता है – पुरस्कृत व्यवहार
का
·
तादात्मीकरण का आशय है – प्रतिरूप की
क्रियाओं को
आत्मसात करना
·
छात्रों में अन्तर्निहित प्रतिभाओं का विकास सम्भव होता है – तादात्मीकरण द्वारा
·
तादात्मीकरण की प्रक्रिया से सम्बन्धित तथ्य है – प्रतिरूप के
व्यवहार से
प्रभावित होना,
प्रतिरूप का
चयन करना,
प्रतिरूप के
अनेक व्यवहारों
का अनुकरण
करना।
·
एक बालक द्वारा शिक्षक की शिक्षण कला को देखकर उसके व्यवहार का अनुकरण किया जाता है। बालक द्वारा बन्दूरा के किस सिद्धान्त का अनुकरण किया जाता है – तादात्मीकरण के
सिद्धान्त का
·
अधिगमकर्ता किसी प्रतिरूप का चयन किस आधार पर करता है – सहानुभूति एवं
आत्मीय व्यवहार
·
विद्धालय के नियमों का अनुकरण छात्रों द्वारा किया जाता है – दण्ड के
आधार पर
·
एक बालक अपने सहपाठी राम को दौड़ने में प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए देखता है तो वह भी उसका अनुकरण करने लगता है। उसका यह अनुकरण माना जाएगा – ईर्ष्या के
आधार पर
·
एक बालक में खेल के प्रति रुचि अधिक है इसलिए वह अन्य शिक्षकों की तुलना में खेल शिक्षक को प्रतिरूप के रूप में स्वीकार करता है। उसका यह प्रतिरूप चयन आधारित होगा – आदतों की
समानता
·
मोहन अपने बड़े भाई को दूसरों की सहायता करते हुए देखता है, परिणामस्वरूप वह भी इस कार्य में लग जाता है। इस प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका होता है – प्रभावशीलता की
·
सामाजिक अधिगम की प्रक्रिया में स्थायित्व की स्थिति उत्पन्न होती है जब – कोई घटना
बार-बार
होती है।
·
सामाजिक रूप से उपयोगी तथा अधिगमकर्ता द्वारा उसकी स्वीकृत उपयोगिता किसी क्रिया में उत्पन्न करती है – स्थायी अधिगम
·
सामान्य परिस्थितियों में 5 वर्ष के बालक द्वारा सात वर्ष के बालक की तुलना में कम सामाजिक अधिगम किया जाता है। इसका प्रमुख कारण है – आयु परिपक्वता
·
सामाजिक अधिगम की तीव्रता एवं स्थायी गति होती है – शिक्षित समाज
में
·
जिस समाज में सामाजिक नियम एवं परम्परा प्रगतिशील एवं आत्मानुशासन से सम्बन्धित होंगे। – उत्तम एवं
तीव्र
·
रूढिवादी समाज में सामाजिक अधिगम की मन्दता का कारण होता है – अस्वस्थ परम्पराएं,
अन्धविश्वास, अनुपयोगी
परम्पराएं
·
अन्य देशों की तुलना में भारतीय बालकों में सामाजिक अधिगम की गति तीव्र हेाती है क्योंकि भारतीय समाज सम्पन्न है – शिक्षा से
·
किसी समाज में आन्तरिक कलह, संघर्ष एवं अशान्ति का वातावरण है। – मन्द
·
लेह-लद्दाख की तुलना में दिल्ली में सहने वाले बालक का सामाजिक अधिगम अधिक होता है। इसका प्रमुख कारण है – जलवायु
·
सामाजिक अधिगम किन परिस्थितियों में उत्तम होता है – अधिगमकर्ता के
अनुरूप
·
सीखने के मुख्य नियमों के अतिरिक्त गौण नियम भी हैं जो मुख्य नियमों को विज्ञतार देते हैं। गौण नियम है – बहुप्रतिक्रिया नियम
·
निम्न में से जो अधिगम के स्थानान्तरण का सिद्धांत नहीं है, वह है – असमान अंशों
का सिद्धान्त
·
निम्न में से जो वंचित वर्ग से सम्बन्धित नहीं है, वह है – अमीर वर्ग
·
मूल प्रवृत्तियां एक जाति के प्राणियों में एक-सी होती है, यह कथन है – भाटिया का
·
पावलॉव ने अधिगमका जो सिद्धान्त प्रतिपादित किया था, वह है – अनुकूलित अनुक्रिया
·
मूल प्रवृत्तियोंमें आवश्यक होता है – अनुभव
·
”मापन किया जाने वाला व्यक्तित्व का प्रयोग पहलू वैयक्तिक भिन्नता का अंश है।” उपर्युक्त परिभाषा दी है – स्किनर ने
·
थार्नडाइक का सीखने का मुख्य नियम नहीं है – सदृश्यीकरण का
नियम
·
अन्तर्दृष्टि पर प्रभाव डालने वाले तत्व है – बुद्धि, अनुभव,
प्रयत्न एवं
त्रुटि
·
क्रियात्मक अनुबन्धन का सिद्धान्त किसकी देन माना जाता है – स्किनर की
·
जिन आदतों का सम्बन्ध मस्तिष्क से होता है, वह हैं – नाड़ीमण्डल सम्बन्धी
आदतें
·
जब पूर्व प्राप्त अनुभव नवीन समस्या को हल करने में सहायक होता है, वह है – धनात्मक स्थानान्तरण
·
निम्नलिखित में से सीखने का मुख्य नियम है – अभ्यास का
नियम
·
थार्नडाइक का अधिगम सिद्धान्त निम्नलिखित नाम से जाना जाता है – प्रयास व
त्रुटि का
सिद्धान्त
·
सीखने के मुख्य नियमों के अतिरिक्त गौण नियम भी हैं जो मुख्य नियमों को विस्तार देते हैं। गौण नियम है – बहुप्रतिक्रिया नियम
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