बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र
— व्यक्तित्व एवं समायोजन
Child Development and Pedagogy — Personality and
Adjustment
Hello
Friends, कैसे हैं आप सब ? I Hope सभी की Study अच्छी चल रही होगी ☺
दोस्तो
आप में से कुछ साथियों ने मुझसे CTET और State TET
के लिए Child Development and Pedagogy (बाल
विकास एवं शिक्षाशास्त्र) के नोट्स की मांग की थी! तो
उसी को ध्यान में रखते हुये आज से हम अपनी बेबसाइट GK-MARKETs
पर Child Development and Pedagogy के One Liner
Question and Answer के Notes उपलब्ध
कराऐंगे , जो आपको सभी तरह के Teaching के Exam जैसे
CTET , UPTET , MPTET, Bihar TET, MP Samvida Teacher , HTET ,
REET आदि व अन्य सभी Exams जिनमें कि Child
Development and Pedagogy से सवाल पुछे जाते हैं उन सभी परीक्षाओं
के लिए यह बहुत हीं महत्वपूर्ण और उपयोगी साबित होगा।
दोस्तो आज
हम Child Development and Pedagogy (बाल विकास एवं
शिक्षाशास्त्र) की हमारी इस पोस्ट अन्तर्गत हम आपको व्यक्तित्व
एवं समायोजन (Personality and Adjustment) से
संबंधित Most Important Question and Answer
को बताऐंगे ! साथ ही नीचे दिए गए Download Button के माध्यम से आप
इसका FREE PDF भी डाउऩलोड कर सकते हैं।
·
”व्यक्तिगत एक व्यक्ति के व्यवहार के तरीकों, दृष्टिकोणों, क्षमताओं, योग्यताओं तथा अभिरूचियों का विशिष्टतम संगठन है।” यह कथन है –मन
का
·
बालक का संवेगात्मक व्यवहार प्रभावित होता है – उपवृक्क ग्रन्थि
से
·
आत्मकेन्द्रित व्यक्ति का व्यक्तित्व होता है – अन्तर्मुखी
·
सामाजिक अन्तर्क्रिया की दृष्टि से जुंग के अनुसार, व्यक्तित्व के प्रकार हैं – तीन
·
”व्यक्तित्व गुणों का समन्वित रूप है।” यह कथन है – वुडवर्थ का
·
”व्यक्तित्व व्यक्ति के भीतर उन मोशारीरिक गुणों का गत्यात्मक संगठन है जो वातावरण के साथ उसके अअद्वितीय समायोजन को निर्धारित करता है।” यह परिभाषा है – आलपोर्ट की
·
व्यक्तित्व को निर्धारित करने वाले कारक हैं – जैविक या
अनुवांशिक कारक,
पर्यावरण सन्बन्धी
कारक
·
व्यक्तित्व सम्बन्धी गुण प्राप्त होते हैं – शरीर एवं
अन्त:स्रावी
ग्रन्थियों से
एवं तन्त्रिका
तंत्र से
·
आत्मकेन्द्रित व्यक्ति को किस वर्ग में रखा जाता है – अन्तर्मुखी
·
‘पर्सोना'(Persona) का अर्थ है - मुखौटा
·
मूल्यों के आधार पर व्यक्तित्व का वर्णन किसने किया है – स्प्रेंगर
·
कार्ल युंग के अनुसार व्यक्ति – अन्तर्मुखी एवं
बहिर्मुखी दोनो
होता है।
·
हिप्पोक्रेटस के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार हैं – निराशावादी एवं
कफ प्रधान
·
व्यक्तित्व के प्रकारों का विभाजन जिस आधार पर हुआ है, वह है – शरीर रचना,
समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण,
मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण
·
व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले तत्व हैं – वंशानुक्रम तथा
वातावरण
·
व्यक्तित्व, व्यक्ति की सम्पूर्ण प्रतिक्रियाओं एवं प्रतिक्रिया सम्भावनाओं का संस्थान है, जैसाकि उसके परिवेश में जो सामाजिक प्राणी है, उसके द्वारा आंका जाता है। यह व्यक्ति के व्यवहारों का एक समायोजित संकलन है, जो व्यक्ति अपने सामाजिक व्यवस्थापन के लिए करता है। यह कथन है – डेशील
का
·
शैल्डन ने शारीरिक गुणों के आधार पर व्यक्तित्व को किन भागों में बांटा है – कोमल एवं
गोलाकार, गोलाकार
व आयाताकार,
लम्बाकार कोमल
·
सिसरो का व्यक्तित्व सम्बन्धी मत किस काल को दर्शाता है – प्राचीन मत
·
अन्तर्मुखी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति रुचि रखते हैं – स्वयं अपने
में
·
व्यक्तित्व आत्मज्ञान का ही दूसरा नाम है। यह किस दृष्टिकोण से सम्बन्धित है – दार्शनिक दृष्टिकोण
·
सुविधा की दृष्टि से आगे चलकर मनोवैज्ञानिक ने इस शील गुणों को कितने भागों में विभाजित किया – चार
·
व्यक्तित्व, व्यक्ति से सम्बन्धित समस्त मनोवैज्ञानिक क्रियाओं एवं दिशाओं का सम्मिलित स्वरूप है।” यह कहा है – लिण्टन ने
·
संगठित व्यक्तित्व की विशेषताएं नहीं है – असामाजिकता
·
व्यक्तित्व को समझने के लिए व्यक्तित्व के शील गुणों का अध्ययन किन मनोवैज्ञानिकों ने किया – आलपोर्ट तथा
कैटिल ने
·
व्यक्तित्व मापन की पुरानी विधि है – ज्योतिष द्वारा
·
‘संगठित व्यक्तित्व’ कहते हैं जिसमें निम्नांकित पक्षों का विकास हुआ हो – सामाजिक, मानसिक
एवं संवेगात्मक
पक्ष
·
वर्तमान में सर्वोत्तम माने जाने वाला व्यक्तित्व के प्रकारों का वर्गीकरण किसकी देन है – जुंग की
·
‘परसोना’ शब्द का लैटिन भाषा में अर्थ होता है – बाहरी रूप
रंग या
नकली चेहरा
·
”वातावरण के साथ सामान्य एवं स्थायी समायोजन की व्यक्तित्व हैा” इस परिभाषा को लिखा है – बोरिंग ने
·
व्यक्तित्व मापन के लिए व्यक्ति की सम्पूर्ण सूचनाएं प्राप्त करने की विधि है – व्यक्ति इतिहास
विधि
·
व्यक्तित्व की संरचना के अन्तर्गत गत्यात्मकता तथा स्थलाकृतिक पक्षका अध्ययन किस मनोवैज्ञानिक ने किया – फ्रायड
·
”जिस वस्तु के आधार पर एक व्यक्ति की दूसरे से भिन्नता की जा सके, उसे लक्षण कहते हैं।” यह कथन है – मर्फी का
·
”व्यक्तित्व को प्रभावित करने में प्राकृतिक (भौतिक) वातावरण की उपेक्षा नहीं की जा सकती।” यह कथन है – ऑगबर्न व
निमकॉफ का
·
व्यक्तित्व शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक क्रियाओं का एक रूप ह, जो – गत्यात्मक संगठन
है।
·
निम्न में से वह जो व्यक्तित्व को प्रभावित नहीं करता है – देखना
·
निम्निलिखत व्यक्तिनिष्ठ परीक्षण है – प्रश्नावली विधि
·
रेटिंग स्केल विधि, निम्न प्रकार का परीक्षण है – वस्तुनिष्ठ परीक्षण
·
रोर्शा परीक्षण मापन करता है – व्यक्तित्व का
·
प्रक्षेपण विधि मापन करती है – व्यक्तित्व का
·
कथा प्रसंग परीक्षण (T.A.T.) को निर्मित किया है – मुर्रे एवं
मॉर्गन ने
·
A.T. परीक्षण में प्रयुक्त होने वाले कार्डों की संख्या होती है – 10+10+10
·
रार्शास्याही धब्बा परीक्षण में प्रयुक्त होने वाले कार्डों की संख्या होती है – 10
·
A.T. का निर्माण किया – लियोपोल्ड बैलक
ने
·
समायोजन की प्रक्रिया है – गतिशीलता
·
अन्तर्मुखी बालक होता है – एकान्त में
विश्वास रखने
वाला
·
अत्यधिक वाचाल, प्रसन्नचित्त करने वाले तथा सामाजिक प्रवृत्ति के धनी वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व होता है – बहिर्मुखी
·
कौन-सा प्रेरक जन्मजात नहीं है – आकांक्षा का
स्तर
·
समायोजन की विधियां है – उदात्तीकरण,प्रक्षेपण
प्रतिगमन
·
समायोजन दूषित होता है – कुण्ठा एवं
संघर्ष से
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