बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र
— व्यक्तित्व एवं समायोजन
Child Development and Pedagogy — Personality and
Adjustment
Hello
Friends, कैसे हैं आप सब ? I Hope सभी की Study अच्छी चल रही होगी ☺
दोस्तो
आप में से कुछ साथियों ने मुझसे CTET और State TET
के लिए Child Development and Pedagogy (बाल
विकास एवं शिक्षाशास्त्र) के नोट्स की मांग की थी! तो
उसी को ध्यान में रखते हुये आज से हम अपनी बेबसाइट GK-MARKETs
पर Child Development and Pedagogy के One Liner
Question and Answer के Notes उपलब्ध
कराऐंगे , जो आपको सभी तरह के Teaching के Exam जैसे
CTET , UPTET , MPTET, Bihar TET, MP Samvida Teacher , HTET ,
REET आदि व अन्य सभी Exams जिनमें कि Child
Development and Pedagogy से सवाल पुछे जाते हैं उन सभी परीक्षाओं
के लिए यह बहुत हीं महत्वपूर्ण और उपयोगी साबित होगा।
दोस्तो आज
हम Child Development and Pedagogy (बाल विकास एवं
शिक्षाशास्त्र) की हमारी इस पोस्ट अन्तर्गत हम आपको व्यक्तित्व
एवं समायोजन (Personality and Adjustment) से
संबंधित Most Important Question and Answer
को बताऐंगे ! साथ ही नीचे दिए गए Download Button के माध्यम से आप
इसका FREE PDF भी डाउऩलोड कर सकते हैं।
·
विद्यालयों में दृष्टि एवं श्रवण सम्बन्धी परीक्षणों का प्रमुख उद्देश्य होता है –बालक की
बैठक व्यवस्था
निश्चित करना
·
शिक्षक परीक्षा अभिक्षमता परीक्षण का उद्देश्य है –सामान्य अभिक्षमता
परीक्षा से
·
निम्नलिखित में कौन-सा तथ्य विशिष्ट अभिक्षमता परीक्षणों से सम्बन्धित है –गायन, नृत्य,
कला
·
अभिक्षमता के क्षेत्र में किस विश्वविद्यालय ने सर्वाधिक कार्य किया है –मिनीसोटा वि.वि.
·
वर्तमान समय विभिन्न व्यावसायिक नियुक्तियों से पूर्व अभ्यर्थियों का परीक्षण किया जाता है –विशिष्ट अभिक्षमता
परीक्षण
·
ब्रर्स्टन के अनुसर, अभिवृत्ति प्रदर्शित करती है –मनुष्य की
भावनाओं को,
पूर्वाग्रहों को
व कल्पित
धारणाओं को
·
अभिवृत्ति का स्वरूप होता है –अर्जित
·
अभिवृत्ति का निर्माण होता है –भावनाओं, पूर्वाग्रहों
एवं विचारों
से
·
अभिवृत्ति हो सकती है –धनात्मक, ऋणात्मक,
अच्छी एवं
बुरी से
सभी
·
अभिवृत्ति प्रभावित होती है –वातावरण से,
पूर्वाग्रहों से,
कल्पनाओं से
·
अभिवृत्ति का स्वरूप सभी व्यक्तियों में होता है –असमान
·
अभिवृत्ति का परिवर्तन करता है –सम्भव
·
अभिवृत्ति के मापन एवं मूल्यांकन में अभाव होता है –विश्वसनीयता एवं
वैधताका
·
अभिवृत्ति से व्यक्ति का सर्वाधिक प्रभावित होता है –व्यवहार
·
अभिवृत्ति का मापन किया जा सकता है –मुक्त प्रतिक्रिया
द्वारा, मुक्त
राय द्वारा,
आत्मकथ्य द्वारा
·
एक बालक प्रत्येक तथ्य को परीक्षण एवं प्रयोग के बाद ही स्वीकारकरता है। उसकी यह अभिवृत्ति मानी जाएगी –वैज्ञानिक अभिवृत्ति,
सामान्य अभिवृत्ति
·
एक व्यक्ति की अभिवृत्ति का पता लगाया जा सकता है –डायरी लेखन
से, आत्मकथा
से
·
आदत का आशय है –सीखा हुआ
व्यवहार, अर्जित
व्यवहार
·
लैडेल के अनुसार, आदत का प्रारम्भ किया जाता है –स्वेच्छा से,
जान-बूझकर
·
किसी कार्य का स्वाभाविक रूप से सम्पन्न होना पाया जाता है –आदत के
अन्त में
·
”आदत व्यवहार का नाम है।” यह कथन है –गैरेट का
·
आदत के विकास के बाद में किसीमानव का व्यवहार हो जाता है –यंत्रवत
·
सामान्य रूप से आदतें होती हैं – अच्छी एवं
बुरी
·
निम्नलिखित में कौन-सी आदतें बैलेन्टाइन के वर्गीकरण से सम्बन्धित हैं –यान्त्रिक आदतें,
शारीरिक अभिलाषा
सम्बन्धी आदतें,
नाड़ी मण्डल
की आदतें
·
रायबर्न के अनुसार, आदतें किसी कार्य के सम्पन्न करने में बचत करतीहैं –समय एवं
मानसिक शक्ति
की
·
आदत को दूसरा स्वभाव किस विद्वान ने कहा है –ड्यूक ऑफ
वैलिंगटन ने
·
ड्यूक ऑफ वैलिंगटन ने आदत को स्वभाव से अधिक शक्तिशाली माना है –दस गुना
·
चरित्र पुंज है –अच्छी आदतों
का
·
अच्छी आदतों का सम्बन्ध होता है –संवेगात्मक स्थिरता
से
·
ब्लेयर ने आदत को माना है –व्यक्तित्व का
आवरण
·
सरसेल के अनुसार, आदत है –सन्तोष व
असन्तोष का
चिन्ह
·
जेम्स के अनुसार, आदतें हैं –समाज का
विशाल चक्र,
समाज की
श्रेष्ठ संरक्षिका
·
आदत का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है –व्यक्तित्व पर
एवं व्यवहार
पर
·
बहिर्मुखी व्यक्ति होता है –उसकी सामाजिक
कार्योंमें विशेष
रुचि होती
है।
·
‘Personality’ शब्द का उद्गम –लैटिन भाषा
से हुआ
है।
·
”व्यक्तित्व शब्द का प्रयोग व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, नैतिक और सामाजिक गुणों के सुसंगठित तथा गत्यात्मक संगठन के लिए किया जाता है, जिसे वह अन्य व्यक्तियों के साथ अपने सामाजिक जीवन के आदान-प्रदान में प्रकट करता है।” यह कथन है –ड्रेवर
·
थार्नडाइक ने व्यक्ति को किस आधार पर बांटा है –चिन्तन व
कल्पना शक्ति
के आधार
पर
·
वेदान्त दर्शन के आधर पर शरीर की रचना किस कोष से नहीं मानी जाती है –भावना कोष
·
सांवेगिक स्थिरता में किस वस्तु के प्रति निर्वेद अधिगम को बढ़ाते हैं –साहस, जिज्ञासा,
भौतिक वस्तु
·
रक्त प्रधान व्यक्ति – प्रसन्नचित्त होते
हैं, चंचल
होते हैं,
क्रियाशील होते
हैं।
·
बालक किसी कार्य को अपनी इच्छा से करता है, वह है –सकारात्मक प्रेरणा
·
स्वधारणा अभिप्रेरक है –चेतावनीपूर्ण आन्तरिक
धारणा
·
गत्यात्मक प्रतिरूप से तात्पर्य है –व्यक्ति विशेष
के प्रेरकों
एवं संवेगों
का प्रभाव,
जो उसके
व्यवहार में
परिवर्तन उत्पन्न
करता है।
·
जो प्रेरक वातावरण के सम्पर्क में आने से विकसित होता है, वह है –अर्जित प्रेरक
·
वह कारक जो व्यक्ति को कार्य करने के लिए उत्साह बढ़ाता या घटाता है,– अभिप्रेरणा
·
जन्मजात प्रेरक नहीं है –आदत
·
फ्रॉयड ने सबसे अधिक बल किस मूल प्रवृत्ति पर दिया है –काम प्रवृत्ति
·
किस विद्वान के अनुसार, प्रेरकों का वर्गीकरण ‘जन्मजात’व ‘अर्जित’ है –मैस्लो
·
”अभिप्रेरणा, अधिगम का सर्वोच्च राजमार्ग है।” यह कथन किसका है –स्किनर का
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ReplyDeleteNice post for teacher test eligibility please post in quiz format like exam with four option
ReplyDeleteयह बेवसाइट आपकी सुविधा के लिये बनाई गयी है, हम इसके बारे में आपसे उचित राय की अपेक्षा रखते हैं, कृप्या अपनी राय हमें Comments या Messages के माध्यम से जरूर दें।
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